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राम जी की कृपा से अदभुद हुआ राम यशगान कवि सम्मेलन

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राम जी की कृपा से अदभुद हुआ राम यशगान कवि सम्मेलन 


हर्रई //उग्र प्रभा //

हर्रई जागीर में आयोजित राम यशगान अखिल भारतीय कवि सम्मेलन भाई विनोद सनोडिया अंजान सिवनी के द्वारा माँ शारदे की वंदना से प्रारंभ हुआ! प्रथम आहुति देने के लिए नरसिंहपुर से आये भाई विकास बैरागी जी को आवाज दी गई! भाई विकास ने इतनी शानदार ओपनिंग की आनंद आ गया! यूँ कहें कि विकास बैरागी मेरे लिए एक नई खोज के रूप में मिले,बधाइयाँ विकास जी अब आपके साथ साहित्यिक यात्राएं होगी! दुसरे क्रम पर भाई पवन प्रबल जी ने बहुत ही सधा हुआ काव्यपाठ किया और आयुध निर्माण की तासीर उनके काव्यपाठ में दिखीं,हास्य के खूब बम फोड़े भाई ने,शुभकामनाएँ प्रबल जी! बाद उसके भाई विनोद सनोडिया अंजान जी ने अपने काव्यपाठ में सभी का मनमोह लिया! और राम जी का गीत पढ़कर जो मंच को ऊचाईयां प्रदान की उस मयार को बनाये रखना सभी कवियों की जिम्मेदारी को बढ़ा गया! आकाश भर शुभकामनाएँ विनोद जी! अब क्रम था छपारा से पधारे दादा मुकेश मनमौजी जी का, दादा जिसके लिए जाने जाते हैं आपने अपने क्रम में भरपूर तालियाँ बटोरी और खूब गुदगुदी पैदा की हृदय से बधाइयाँ मनमौजी जी! अब क्रम था उज्जैन से पधारे पंडित महेंद्र मधुर जी का, आपके काव्यपाठ के तो क्या कहने आपने अपने काव्यपाठ में पूरे पंडाल में श्रोताओं को जय जय श्री राम व भारत माँ के जय कारें से कार्यक्रम स्थल को गुंजायमान कर दिया! मधुर जी आप हमारी हिम्मत आप हमारा संभल हो, मन भर बधाइयाँ मधुर जी!अब क्रम था भाई ललित नाथ अबोध जी का जिन्होंने मंच पर यह सिद्ध किया की यदि कलमकार के पास कविता और कविता पढ़ने का लहजा हो तो किसी भी क्रम पर कविता पढ़ी जा सकतीं है! बधाइयाँ अबोध जी बाद उनके भाई नीरज निर्भिक जी के द्वारा एकई कैकेयी वाली रचना पढ़कर बहुत ही सधा हुआ काव्यपाठ किया और मंच के मयार को बनाये रखने में भरपूर साथ दिया! बाद उसके क्रम था भाई भोले नेमा चंचल जी का जिन्होंने ने अपने मुक्तक व ग़ज़ल के माध्यम से बहुत ही शानदार काव्यपाठ किया और मंच को शिखरता की ओर लेकर गयें! खूब बधाइयाँ भोले जी! अब मंच पर उस व्यक्तित्व का क्रम था जो संवेदना के गीत के लिए मध्यभारत की आवाज के रूप में पहचान पाने वाले बड़े भाई अमित बिल्लौरे जी का जिन्होंने अपने गीत से मंच पर कवियों सहित पंडाल में बैठे श्रोताओं को भी झूमने को मजबूर कर दिया! आकाश भर शुभकामनाएँ अमित भैया! अमित भैया के बाद क्रम था आपके अपने दीपक साहू सरस का जिसने अपने काव्यपाठ में दो बजे रात को भी एक भी श्रोता को पंडाल से उठने नहीं दिया! फिर उन्हीं श्रोताओं के आग्रह पर पंडित महेंद्र मधुर जी आदे घंटे तक और सुना गया!

राममंदिर समिती, सभी ग्राम वासियों ने और सभी साहित्यिक प्रेमियों ने कार्यक्रम की भूरी भूरी प्रशंसा की।

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