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शासकीय महाविद्यालय चौरई में धाराप्रवाह स्पोकन इंग्लिश पर कार्यशाला आयोजित

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       मोहिता जगदेव

उग्र प्रभा समाचार,छिंदवाड़ा

"अंग्रेजी भाषा कौशल से संसार साधा जा सकता है": प्रो अमर सिंह 

अच्छे वक्ताओं को सुनकर उच्चारण में शुद्धता बढ़ती है प्राचार्य राम कुमार उसरेठे

 "परिस्थिति के अनुसार अभिव्यक्ति भाषा के मूल में है ": प्रो. अमर सिंह 

"बिना अभ्यास के अंग्रेजी बोलना सीखना असंभव है ": प्रो. अमर सिंह 

उग्र प्रभा समाचार,चौरई छिंदवाड़ा; शासकीय महाविद्यालय चौरई में अंग्रेजी विभाग द्वारा आयोजित "धाराप्रवाह स्पोकन इंग्लिश कैसे बोलें" विषय पर आयोजित कार्यशाला में मुख्य अतिथि वक्ता बतौर बोलते हुए शासकीय महाविद्यालय चांद के प्राचार्य प्रो. अमर सिंह ने कहा कि अंग्रेजी के विचारों का कार्मिक रूपांतरण अंतरर्राष्ट्रीय सर्वोच्च शक्ति है। अंग्रेजी भाषा कौशल की साधना से सारा संसार साधा जा सकता है। परिस्थिति की जरूरत के अनुसार अंग्रेजी के वाक्यों का निर्माण करें। प्रश्नों के उत्तर सीखने वालों के मुंह से बुलवाना आवश्यक है। शब्दों की जगह वाक्यांशों को बोलने का अभ्यास करें। किसी से जो अंग्रेजी में सुनें, उसे दोहराएं। पैराग्राफ पढ़कर उसे अपनी अंग्रेजी में बोलें। भावनाएं आपस में बांटें। छोटे छोटे वाक्यों से शुरू करें। अंग्रेजी बोलने की गलतियों से न डरें। स्वयं से अंग्रेजी में बात करें। जब अंग्रेजी बोलें, तब मातृभाषा को भूल जाएं। रोजाना बोलचाल के शब्दों का प्रयोग करें। 

विभागाध्यक्ष अंग्रेजी प्रो. अर्चना तिवारी ने कहा कि स्पोकन इंग्लिश को सुधारने के लिए हमें व्याकरण के नियमों के बहुत अधिक प्रयोग के डर से बचें। छोटी छोटी घटनाओं को कहानी की तरह अंग्रेजी में सुनाएं। अंग्रेजी के वर्तमान, भूतकाल और भविष्य काल के ढांचागत वाक्यों के समान और कई वाक्य उसी तर्ज पर बनाएं। प्राचार्य राम कुमार उसरेठे ने कहा कि परिस्थिति मुताबिक अंग्रेजी के सघन वाक्यों की विषद व्याख्या करना स्पोकन इंग्लिश में मदद करता है। अच्छे वक्ताओं को सुनकर उच्चारण में शुद्धता बढ़ती है। प्रो. चंद्रशेखर उसरेठे ने कहा कि अंग्रेजी बोलने की आदत बिना प्रयास के बनाई जाए क्योंकि प्रयास से किए काम तनाव लाते हैं। किसी भी भाषा को बोलने की महारत उसे जहन में महसूस करने से हासिल की जाती है। प्रो. राजेश कहार ने कहा कि भाषा बोलने का माहौल स्वयं अपने शरीर में, मित्रों के बीच और आस पास बनाना पड़ता है। प्रो आशुतोष गौर ने कहा कि अंग्रेजी भाषा बोलना भावी सफलताओं की आधारशिला तैयार करना है।

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