मोहिता जगदेव
उग्र प्रभा समाचार,छिंदवाड़ा
शासकीय महाविद्यालय चांद में"स्वामी विवेकानन्द: युवाओं के लिए शाश्वत प्रेरणा" विषय पर व्याख्यान
"विवेकानंद इंसानियत के संस्कारों की आध्यात्मिक ऊर्जा थे ": आदित्य ठाकुर
"विवेकानंद का दर्शन पुरुषार्थ से प्रारब्ध संवारने की युक्ति है ": प्रो. अमर सिंह
उग्र प्रभा समाचार,चांद छिंदवाड़ा: शासकीय महाविद्यालय चांद में स्वामी विवेकानन्द के जन्मदिन "युवा दिवस" को "युवाओं के लिए शाश्वत प्रेरणा विषय पर आयोजित व्याख्यान में प्रमुख अतिथि वक्ता चांद भाजपा युवा मोर्चा के अध्यक्ष आदित्य ठाकुर ने कहा कि विवेकानंद मनुष्यता निर्माण हेतु आवश्यक पोषक चेतना के युगीन प्रतिनिधि थे। उनकी शख्सियत सनातन संस्कृति के शाश्वत मूल्यों में पगी थी। उनकी बौद्धिक हैसियत प्रखर मेधा की आभा से युक्त होकर आध्यात्मिक मूल्यों के समन्वय से बनी थी। शिखर पुरुष का मार्गदर्शन खूबसूरत मंजिलों हेतु कठिन रास्तों से होकर जाता है। विशेष अतिथि चांद कालेज जनभागीदारी अध्यक्ष प्रफुल्ल ताम्रकार ने कहा कि असंभव की सीमा के पार संभव की सीमा बनाना ही शिक्षा का सदुउपयोग है। अंतर्निहित ऊर्जा के प्रयोग से स्वयं को पूर्णता की ओर ले जाना ही शिक्षा का अंतिम ध्येय है। अमित चौधरी ने कहा कि विवेकानंद भारतीय संस्कृति की सांस्कृतिक वैभव के आध्यात्मिक ऊर्जा के प्रकाश स्तंभ थे। प्राचार्य डॉ. अमर सिंह ने कहा कि विवेकानंद ने मानव जीवन में पूर्णता प्राप्ति हेतु अल्पायु में जो कीर्तिमान स्थापित किए हैं, वे और किसी के लिए काल्पनिक हैं, असंभव हैं और चमत्कार हैं। विवेकानंद भारतीय संस्कारों में पगे पुरुषार्थ से प्रारब्ध निर्माण की युक्ति के प्रतिनिधि हस्ताक्षर थे, जिन्होंने आधुनिक भारत के निर्माण में अद्वितीय भूमिका का निर्वहन किया।अर्शिल कुरैशी ने कहा कि विवेकानंद की सीखें मानव के संतुलित विकास की नींव हैं। किरन चौरिया ने कहा कि विवेकानंद की आधुनिक, आध्यात्मिक और वैज्ञानिक शिक्षाएं युगों तक मानव जीवन का मार्गदर्शन करती रहेंगी। छोटू साहू ने कहा कि विवेकानंद विश्व में भारत की सनातन संस्कृति के जीवन मूल्यों के पुरोधा थे। व्याख्यान में कालेज के छात्रों यथा वैशाली, शिवानी, अर्पिता, भारती, प्रिया, अंजली, अपर्णा , पूनम, हेमा, सुशीला योगेश, विकास, रितु, महिमा और नीरज को युवाओं हेतु व्यक्तित्व विकास की पुस्तक से सम्मानित किया गया। व्याख्यान में समस्त महाविद्यालय परिवार का सहयोग रहा।