मोहिता जगदेव
उग्र प्रभा समाचार ,छिंदवाड़ा
"दीक्षारंभ अभिप्रेरण समग्र सांस्थानिक चेतना से जुड़ने का समारोह है": सुधीर जैन एसडीएम
"विद्यार्थी पुरुषार्थ के आत्मोत्कर्ष से वांक्षित प्रारब्ध हासिल करें ": प्रो. लक्ष्मीचंद प्राचार्य
"संरचनात्मक ढांचा सृजनशीलता की सामर्थ्य पैदा करे": भरत घई
छात्र जीवन के यातायात में प्रतिबद्धता का आचरण अपनाएं ": मनोज तेहनगुरिया आरटीओ छिंदवाड़ा
उग्र प्रभा समाचार, छिंदवाड़ा: छिंदवाड़ा के प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस शासकीय स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय में नवप्रवेशित छात्रों के लिए आयोजित तीन दिवसीय अभिप्रेरण कार्यक्रम के समापन समारोह के मुख्य अतिथि छिंदवाड़ा के राजस्व अनुविभागीय अधिकारी सुधीर जैन ने सभागृह में उपस्थित नवप्रवेशित छात्रों से कहा कि दीक्षारंभ अभिप्रेरण समग्र सांस्थानिक चेतना से जुड़ने का समारोह है, सिर्फ प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में प्रवेश लेने भर से शिक्षा से उत्कृष्ट उपलब्धियां हासिल नहीं हो जाती हैं। संस्था के प्राचार्य प्रो. लक्ष्मीचंद ने कहा कि विद्यार्थी ढांचागत सुविधाओं का भरपूर इस्तेमाल करके पुरुषार्थ के आत्मोत्कर्ष से वांक्षित प्रारब्ध हासिल करें। जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष भरत घई ने अपने अंदाज में कहा कि छात्र पी जी कॉलेज में उपलब्ध बेहतरीन संरचनात्मक ढांचा का फायदा उठाकर सृजनशीलता से सामर्थ्यवान नागरिक बनकर निकलें। आरटीओ छिंदवाड़ा मनोज तेहनगुरिया ने छात्रों को लक्ष्य पर सदैव गतिशील होकर जीवन के यातायात में प्रतिबद्धता के आचरण से समृद्ध बनें।
उच्चशिक्षा का महल संस्कारों के शाश्वत मूल्यों पर खड़ा हो": प्रो. प्रतिभा श्रीवास्तव
" दीक्षारंभ सेवावृत्ति से शुरू हो लोकपरायणता का पर्याय बने ": प्रो. राजेंद्र मिश्र
"छात्र अवधारणात्मक विचारों से अंतःकरण की शुचिता से अलंकृत हों": प्रो. टीकमणि पटवारी
"छात्र आज के बाजार के पैकेज के मुताबिक क्षमताओं से संवर्धित हों ": प्रो. साधना जैन
" छात्र योगाभ्यास से सृजित ऊर्जा का प्रयोग सामाजिक सरोकारों में करें": योगाचार्य रामशंकर दियावार
"लक्ष्य पर कर्म के निवेश से ही महामानव का निर्माण संभव है ": प्रो. पी. एन. सनेसर
संयोजिका प्रो. प्रतिभा श्रीवास्तव ने अपने वक्तव्य में छात्रों को आगाह करते हुए कहा कि जब उच्च शिक्षा का महल संस्कारों के शाश्वत मूल्यों पर खड़ा होगा तो बेकारी की समस्या को दबे पांव भागना पड़ेगा। शिक्षाविद प्रो. राजेंद्र मिश्र ने कहा कि जब दीक्षारंभ सेवावृत्ति से शुरू होता है तो लोकपरायणता का पर्याय बन जाता है। प्रो. टीकमणि पटवारी ने उच्च शिक्षा की बौद्धिक संपदा को क्षमता निर्माण का जरिया बताते हुए कहा कि छात्र अवधारणात्मक विचारों से अंतःकरण की शुचिता से अपने व्यक्तित्व को अलंकृत करें। प्रो. साधना जैन ने छात्रों को बताया कि वे वैज्ञानिक और आधुनिक तकनीकी शिक्षा की दक्षता से आज के बाजार के पैकेज के मुताबिक स्वयं को निपुण कर जीत का परचम लहराएं। प्रो. पी. एन. सनेसर ने कैरियर मार्गदर्शन के तहत कहा कि उद्देश्य पर कार्य के निवेश से हुनर भरे विशिष्ट मानव निर्माण में निश्चितता स्थापित होती है। योगाचार्य रामशंकर दियावार ने योगिक क्रियाओं से सृजित अकूत ऊर्जा के खजाने में उच्चशिक्षा के मानव मूल्यों का समावेश कर एक उत्कृष्ट मानव के गढ़ने पर जोर दिया।