मोहिता जगदेव
उग्र प्रभा समाचार,छिंदवाड़ा
"प्रस्तुति में आवाज का मोहक लहजा जादुई असर डालता है": प्रो. अमर सिंह
" बोझिल वक्तव्य प्रस्तुति में व्यवधान पैदा करता है ": प्रो. दीप्ति जैन
"अति आत्म प्रशंसा प्रस्तुति की गरिमा का हनन करती है ": प्रो. तृप्ति मिश्रा
उग्र प्रभा समाचार,छिंदवाड़ा: प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस छिंदवाड़ा के अंग्रेजी विभाग द्वारा प्राचार्य डॉ. लक्ष्मीचंद के संरक्षकत्व में अंग्रेजी के छात्रों के लिए आयोजित प्रस्तुतीकरण कौशल प्रशिक्षण में शासकीय महाविद्यालय चांद के प्राचार्य प्रो. अमर सिंह ने एम. ए. अंग्रेजी के छात्रों को बताया किसी भी प्रस्तुति में आवाज के लहजे में आत्मविश्वास जादुई असर डालता है। प्रस्तुतकर्ता को आकर्षक मनोरंजक शैली में प्रस्तुत विषय की गहराई के साथ उद्देश्य की गहन समझ होनी चाहिए। कोई भी वक्ता जब सम्मोहक बातचीत में प्रस्तुति के प्रति जुनून दिखाता है, तो वक्तव्य ओजस्वी हो ही जाता है। श्रोताओं की मनोदिशा को जानना, योजनाबद्धता से प्रभाव छोड़ना और अभिव्यक्ति की पारदर्शिता निहायत जरूरी होती है। अंग्रेजी की विभागाध्यक्ष डॉ. दीप्ति जैन ने कहा कि प्रस्तुतकर्ता को तथ्यों की जटिलता से बचने के साथ बात को बोझिल नहीं बनाना चाहिए, ताकि अभिव्यक्ति के संप्रेषण में कोई व्यवधान न पैदा हो।डॉ. तृप्ति मिश्रा ने कहा कि डीगें हांकना, पर निंदा करना और प्रस्तुति के लिए आवंटित वक्त का ध्यान न रखने को प्रस्तुति कौशल की खामियों में गिना जाता है। प्रो. नीलिमा सोनी ने कहा कि प्रस्तुतकर्ता को बिना किसी डर, शंका और घबराहट के मुस्कुराके अपनी प्रस्तुति देनी चाहिए। प्रो. नवनीति भाटिया ने कहा कि प्रस्तुतकर्ता को प्रस्तुति से पहले मुख्य बिंदुओं को संक्षेप में लिखकर अपनी शारीरिक भाषा को संभालकर संक्षेप में अपनी बात कहने का अभ्यास करना चाहिए।