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वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाएं,ढोंगी बाबाओं से सावधान रहें*।

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   मोहिता जगदेव

उग्र प्रभा समाचार ,छिंदवाड़ा 

*संसार में कोई चमत्कार नहीं है- एस.आर.शेंडे*

*वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाएं,ढोंगी बाबाओं से सावधान रहें*।

*चमत्कार दिखाये,पुरस्कार प्राप्त करें*।

उग्र प्रभा समाचार सौंसर,छिंदवाड़ा : प्राचीन मानव वैज्ञानिक अविष्कार व शिक्षा की कमी के कारण प्रत्येक घटनाओं का सही कारण नहीं जानता था। ग्रहण, आपदाओं,बीमारी के कारणों से अनभिज्ञ था। इसलिए कुछ लोगों ने इन बातों को शुभ अशुभ,कर्मकांड अंधश्रद्धा से जोड दिया,जो आज के वैज्ञानिक युग में  भी बदस्तूर जारी है। डॉ.अब्राहम कोवूर दुनिया का प्रसिद्ध मनोचिकित्सक  वैज्ञानिक था।उनका दावा था कि,संसार में कोई चमत्कार नहीं होता ।सारी घटनाएं कार्यकारण  सिद्धान्त पर आधारित है ।आजकल भारत में  कुछ तथाकथित धोखेबाज लोगों ने कम मेहनत के साथ ज्यादा धन इक्कठा करने व मान सम्मान पाने का सुगम रास्ता खोज निकाला है । वें हाथ की सफाई दिखाने व लोगों को भ्रमजाल में फंसाने में माहिर होते हैं ।खुद को किसी धर्म से जोड़कर ,कभी देवपुरुष घोषित कर चमत्कारों,दैवी शक्तियों के बारे में झूठा प्रचार  कर ,धर्म की आड लेकर कर लोगों को लूटते है ।दुःख इस बात का है कि,अशिक्षित के साथ पढे लिखे भी इनका शिकार बनते है।

        अखिल भारतीय अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक एवं प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक प्राध्यापक डॉ.शाम मानव व उमेश बाबू चौबे के मार्गदर्शन में कार्य कर चुके महामहिम राष्ट्रपति से पुरस्कृत ,विविध संस्थाओं से जुडे सेवानिवृत्त अध्यापक  एस.आर.शेंडे ने ऐसे कथित तांत्रिकों,बाबाओं,सिद्ध पुरुषों,पड़िहारों,ओझाओं,को चुनौती दी है कि,वें निम्न चमत्कारों में से किसी एक का धोखा रहित सफल प्रदर्शन कर उचित पुरस्कार प्राप्त करें।   

    ईनाम उसे दिया जाएगा जो सीलबंद करेंसी नोट का नंबर पढ सकता है या उसकी ठीक नकल कर सकता है।जलती हुई अंगार पर एक मिनट तक जले बिना नंगे  पैर पर खड़ा  रहे,ऐसी वस्तु जिसकी हम मांग करे हवा में से निकालकर दें,तांत्रिक शक्ति से किसी वस्तु को हिला या मोड़ कर दिखाए,टेलीपैथी के माध्यम से किसी दूसरे के विचार पढ़ सके,प्रार्थना जल या पवित्र राख से खुद के शरीर को एक इंच को बढ़ा सके,योग शक्ति से हवा में उड़ सके,पांच मिनट तक अपनी नब्ज रोक सके,अपना शरीर एक स्थान पर छोड़कर दूसरे स्थान पर प्रकट हो सके,30 मिनट तक अपनी सांस रोक सके,पुनर्जन्म के कारण कोई अदभुत भाषा बोल सके,ऐसी आत्मा या प्रेत को पेश करे जिसकी फ़ोटो ली जा सके और फ़ोटो लेने के बाद फ़ोटो से गायब हो सके,किसी वस्तु का भार बढ़ा सकें,छिपी हुई वस्तु को खोज सके,पानी को पेट्रोल या शराब में बदल सके,जो दस हस्तचित्रों  या कुंडली को देखकर आदमी और औरत की  तथा मृत व जीवित की संख्या बता सके,जन्म का ठीक स्थान व समय अक्षांश रेखांश के साथ बता सके। दूर के भविष्य की बात छोडिये अगले क्षण किसी के साथ घटने वाली घटना की पूर्व सूचना दे सके।

   तंत्र मंत्र,भूतप्रेत,झाडफ़ूंक,गड़ा धन निकालने ,संतान  प्राप्ति ,बीमारी दूर करने आदि के नाम पर आज कल ना जाने कितने लोग ठगे जा रहे हैं,माता बहनें कैसी ढोंगी बाबाओं,शातिर लोगों द्वारा लैंगिक शिकार हो रही है,यह बताने की जरूरत नहीं है। इनमें से कई महाठग जेल की हवा खा रहे है।

हाथरस यह कोई पहला हादसा नहीं है,इसके पूर्व भी समय समय पर अनेकों की जान जा चुकी है।फिर ये ढोंगी बाबा अपनी दिव्य शक्तियों से लोगों की जान क्यों नहीं बचाते ?  तन्त्र मंत्र झाडफ़ूंक से दुश्मन की सेना को भस्म क्यों नहीं करते ? आतंकवादियों , प्राकृतिक आपदाओं ,दुर्घटनाओं की पूर्व  सूचना क्यों नहीं देते ?  अगर ये ढोंगी सच मे चमत्कार करते तो सरहद पर लावलश्कर रखने, रक्षा मंत्रालय को करोडो का बजट खर्च करने की क्यों आवश्यकता पडती ? बडे बडे अस्पतालों  में कीमती  उपकरणों की भी आवश्यकता  नहीं होती। गौतम बुद्ध,संत कबीर,संत तुकाराम,गाडगे बाबा,संत रविदास,ललाईसिंह यादव,पेरियार  रामास्वामी नायकर ,महात्मा  ज्योतिबा फूले, डॉ.अम्बेडकर  सहित अनेंक विद्वान महापुरुषों ने जन सामान्य को वैज्ञानिक,तार्किक दृष्टिकोण अपनाकर खुद का औरों के जीवन सुखमय बनाने का आग्रह किया है ।

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