संवाददाता - मोहिता जगदेव
उग्र प्रभा समाचार,छिंदवाड़ा
"शिक्षक बौद्धिक बौने नहीं, मेधा आलोकित छात्र पैदा करें": प्रो. अमर सिंह ।
"बदले वक्त के पैकेज में न ढलने वाले शिक्षक नकार दिए जाते हैं": प्रो. अमर सिंह
"मेधावी छात्र वही जो अभावों में भी बुलंदियों के अंबार लगा दे": प्रो अमर सिंह
"विद्यार्थी वही जो तदबीज से तरसती तकदीर मुस्करा दे": प्रो. अमर सिंह
" बिना भावनात्मक जुड़ाव के करिश्माई छात्र का सृजन असंभव है": प्रो. अमर सिंह
उग्र प्रभा समाचार , छिंदवाड़ा: सीएमराइज स्कूल गुरैया में पदस्थ जिले के आइकॉन शिक्षकों की शैक्षिक गुणवत्ता उन्नयन पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए प्रेरक वक्ता प्रो. अमर सिंह ने कहा कि शिक्षक बौद्धिक बौने नहीं, मेधा आलोकित छात्र पैदा करें। बदले वक्त के पैकेज में न ढलने वाले शिक्षक नकार दिए जाते हैं। मेधावी छात्र वही जो अभावों में बुलंदियों के अंबार लगा दे। विद्यार्थी वही जो तदबीज से तरसती तकदीर को मुस्करा दे।शिक्षक मानक विचार विमर्श के पर्याय बन पारदर्शी कार्यों के सूत्रधार बनें। समाधानों के जनक बनना स्वयं को उस दिशाहीन भीड़ से अलग करना है जो समस्याओं की जनक बनने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखती है। जब तक शिक्षक और छात्र की पारस्परिक भावनात्मक आत्मीयता एक नहीं होगी, तब तक वे एक दूसरे को शैक्षिक अवदानों के दाता/ग्राहक नहीं बन सकेंगे। कोई भी छात्र जीवन में उतनी ही ऊंचाई प्राप्त करता है जितना मजबूत भावनात्मक जुड़ाव उसका अपने गुरू से होता है।
जो हर रोज अपनी हदों को तोड़ते हैं, वे ही बेहद बनते हैं। हमारी जंग दुनिया से नहीं, खुद से है। अपनी खुद्दारी को सतत तराशना ही खुदा हो जाना है। जीवन मातम नहीं, उत्सव मनाने के लिए बना है। संस्था के प्राचार्य अब्दुल हक खान ने कहा कि बेहतरीन खिलाड़ी अंतर्निहित संभावनाओं का वाह्य प्रदर्शन से बनता है। शिक्षा का भास्कर चेतना की बौद्धिक रश्मियों से विश्व कल्याण करता है। बंधनों की अकड़न की जकड़न से मुक्ति ही शिक्षा का केंद्रीय उद्देश्य है। शिक्षक छात्रों को अवधारणात्मक ज्ञान को कार्यसिद्धि में बदलवाकर जगत को उपकृत कर सकते हैं। संदेह व भय आत्मविश्वास से विकसित होने के मार्ग के सबसे बड़े शत्रु हैं। कार्यशाला में स्कूल के सभी शिक्षकों ने सहभागिता की।