संवाददाता - मोहिता जगदेव
उग्र प्रभा समाचार,छिंदवाड़ा
चांद कॉलेज में मानसिक स्वास्थ्य से संतुलित विकास पर सेमीनार का आयोजन
"असंतुलित मानसिक स्वास्थ्य सभी अवसादों की जननी है": अखिलेश चौबे
"खराब मनोवैज्ञानिक स्थिति उलझनों को जन्म देती है ": दीपक चौरिया
"मानसिक उलझन के दुष्प्रभाव हर क्षेत्र में परिलक्षित होते हैं ": प्रो. अमर सिंह
उग्र प्रभा समाचार चांद छिंदवाड़ा: शासकीय महाविद्यालय चांद में मानसिक स्वास्थ्य से संतुलित विकास पर आयोजित एक दिवसीय सेमीनार में मुख्य अतिथि वक्ता अखिलेश चौबे ने कहा कि असंतुलित मानसिक स्वास्थ्य सभी बीमारियों, भावनात्मक कष्टों और अवसादजनित पीड़ाओं की वजह बनते हैं। मानसिक स्वास्थ्य के बिगड़ने से व्यक्ति अपनी क्षमताओं का भरपूर दोहन नहीं कर पाता है और वह अपेक्षित सामाजिक, पारिवारिक और राष्ट्रीय योगदान देने से वंचित रहता है। कोई भी समस्या पहले मन के स्तर पर होती है, फिर वह अलगाव, घरेलू हिंसा, रिश्तों में विघटन, वित्तीय कुप्रबंधन और गरीबी का कारण बनती है। विशेष अतिथि दीपक चौरिया ने कहा कि अच्छा मानसिक स्वास्थ्य पूर्णतया मनोवैज्ञानिक है जो स्वस्थ जीवन शैली, उत्साह और गुणवत्तापूर्ण जीवन जीने में सहायक होता है। वहीं दूसरी तरफ खराब मानसिक स्वास्थ्य में व्यक्ति निराशावादी, आत्महत्या को आतुर और लक्ष्य पर फोकस नहीं कर पाता है।प्राचार्य प्रो.अमर सिंह ने कहा कि द्वंद्वों में उलझा हुआ आदमी उत्पादक क्षमता में कमी से कई संबंधित तनावों का शिकार हो जाता है। संतुलित मानसिक स्वास्थ्य से हम जीवन को आसान बनाने में कामयाब हो जाते हैं। प्रो. रजनी कवरेती ने कहा कि स्वस्थ मानसिक स्थिति में जीवन में अनिश्चितता के दौर से बाहर निकलने में हम सफल हो जाते हैं। प्रो. जी. एल. विश्वकर्मा ने कहा कि मानसिक जागरूकता आज के समय की महती आवश्यकता है, जिसके अभाव में हम अपना लक्ष्य पर पूर्ण फोकस नहीं कर पाते हैं। सेमीनार में कालेज के सभी अधिकारी, कर्मचारी और छात्रों की गरिमामई उपस्थिति रही।