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बैंगलोर में आयोजित किया गया अंग्रेजी के साहित्यकारों का सम्मेलन

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     संवाददाता - मोहिता जगदेव

    उग्र प्रभा समाचार , छिंदवाड़ा 

प्रो. अमर सिंह अंतरराष्ट्रीय जूरी अवार्ड से सम्मानित 

"अंग्रेजी भाषा के भारतीय लेखकाें ने आज के वैश्विक यथार्थ के निर्माण में महती भूमिका अदा की है ": मुख्य अतिथि प्रो. अमर सिंह

" आज भारत में रची गई काव्य धरोहर वैश्विक चेतना वृद्धि का पोषण कर रही है": अध्यक्ष प्रो. चंद्रशेखर दुबे दिल्ली विश्वविद्यालय

" भारतीय लेखकाें ने अंग्रेजी साहित्य की विभिन्न विधाओं में अभूतपूर्व रचनात्मक कौशल दिखाया है": संपादक गोपकुमार


उग्र प्रभा समाचार, छिंदवाड़ा: शासकीय महाविद्यालय चांद के प्राचार्य और अंग्रेजी के विभागाध्यक्ष प्रो. अमर सिंह को भारत और इंग्लैंड के बीच संपन्न हुई अंग्रेजी में लघुकथा लेखन की स्पर्धा हेतु गठित त्रिसदस्यीय जूरी के पैनल में अहम भूमिका के निर्वहन हेतु अंतरराष्ट्रीय जूरी सम्मान से नवाजा गया है। यह सम्मेलन बैंगलोर में आयोजित किया  गया था। इस स्पर्धा का आयोजन केरल की अंग्रेजी की पुस्तकों के प्रमुख संपादक गोपकुमार की प्रकाशक संस्थाएं एक्सप्रेस पब्लिकेशंस और पॉयसिस प्रकाशन द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है।
अंतर भाषाई अनुवाद में सांस्कृतिक भावों की मार्मिकता के अनुवाद की महती आवश्यकता है ": अम्बिका अनंत अंग्रेजी तेलगू अनुवादक बैंगलोर

" उत्कृष्ट समालोचना उम्दा साहित्य सृजन में अग्रणी भूमिका निभाती है": आलोचक  पारूपदी सत्य वेंकट विनोद कुमार

बैंगलोर में आयोजित उक्त दोनों देशों के अंग्रेजी के साहित्यकारों के इस सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि प्रो. अमर सिंह ने भारत के अंग्रेजी साहित्यकारों का बेहतरीन विश्व निर्माण में योगदान विषय पर अपना वक्तव्य दिया। सम्मेलन के अध्यक्ष दिल्ली विश्वविद्यालय के अंग्रेजी के प्राध्यापक प्रो. चंद्रशेखर दुबे ने आत्मा की गूंज: महर्षि वेदव्यास फाउंडेशन की काव्य यात्रा और बैंगलोर की अंग्रेजी तेलगू की मशहूर अनुवाद की कवयित्री अंबिका अनंत ने गद्य और पद्य में अनुवाद के महत्व पर व्याख्यान दिया। इस समारोह में महर्षि वेदव्यास अवार्ड, रबीन्द्रनाथ टैगोर अवार्ड पुस्तक प्रकाशन हेतु, भारत अवार्ड फॉर लिटरेचर, पॉयसिस अवार्ड और बुक रिलीज जैसी अकादमिक गतिविधियां संपन्न हुई। अंग्रेजी के लेखकों सम्मेलन में स्वरचित अंग्रेजी काव्य पाठ के लिए विजेता प्रतिभागियों को मुख्य अतिथि के हस्ते अवार्ड प्रदान किए गए। 10वीं भारत अवार्ड फॉर लिटरेचर लघुकथा लेखन की प्रतियोगिता हेतु नियुक्त जूरी के अंतरराष्ट्रीय  में प्रो. अमर सिंह के साथ इंग्लैंड से जुली रैटक्लिफ और केरल से लता प्रेम साख्या प्रमुख रूप से चयन किया गया।

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