संवाददाता - मोहिता जगदेव
उग्र प्रभा समाचार,छिंदवाड़ा
"लफ़्ज़ों की सुंदरता के सही सलीके से व्यक्तित्व निखरता है": प्रो. लक्ष्मीचंद
"अभ्यास की नदी के रास्ते में चट्टान को हटना पडता है": प्रो. राजेंद्र मिश्र
"हौसलों की आग से बुलंदियों के आसमान को छुआ जा सकता है": प्रो. तृप्ति मिश्रा
"संप्रेषण कौशल प्रतिष्ठा में उत्कृष्ट व्यक्तित्व के बीज होते हैं": प्रो. डी. आर. उइके
"विरासत से नहीं, कार्यसिद्धि से व्यक्तित्व निखरता है": प्रो. अमर सिंह
उग्र प्रभा समाचार चाँद छिंदवाडा चाँद में रा.से.यो. वी व्यक्तित्व विकास विभाग द्वारा "उच्च शिक्षा से उत्कृष्ट व्यक्तित्व विकास" विषय पर संयुक्त रूप से आयोजित भाषण में मुख्य अतिथि पी जी कॉलेज हिंद विश्वविद्यालय के छात्रावास प्रो. लक्ष्मीचंद ने छात्रों से कहा कि लोभी कंपनी का निर्माण लफ्जों के सपने से शुरू होता है। सतत अभ्यास लक्ष्य की गहराई में सहायक सिद्ध होता है। भाषाई विचार ही हमारे कर्म की उत्कृष्टता को सुनिश्चित करता है। कार्यशाला के अध्यक्ष वक्ता डॉ. राजेंद्र मिश्रा ने कहा कि लगन, अभ्यास और उत्कृष्टता के संकल्प में इतनी ताकत है कि नदी की राह से चट्टान को भी हटना पडता हैं। जिसका संघर्ष जारी रहता है, वही इतिहास रचता है। खुद पर भरोसा है तो कोई भी बाधा आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती। विशिष्ट वक्ता प्रो. तृप्ति मिश्रा ने कहा कि मुश्किलें, चुनौतियाँ और आपदा हमारी परीक्षाएँ हैं। हौसलों की आग से आसमान को छुआ जा सकता है।विशेष अतिथि वक्ता प्रो. डी. आर. उइके ने कहा कि संप्रेषण कौशल में लक्ष्य प्राप्ति का जादुई प्रभाव महसूस किया जा सकता है। डॉ. अमर सिंह ने कहा कि व्यक्ति का विकास विरासत से नहीं होता, प्रत्येक क्षण में कर्म के वैज्ञानिक की उपस्थिति सुनिश्चित होती है। प्रो. रजनी कवरेती ने कहा कि हमारी उड़ान की कहानी है कि आसमां किसका है। प्रो. जी. एल. विराट ने कहा कि मनुष्य का पोषण स्वयं के विकास से होता है। कार्यशाला में प्रो. आर. के. पहाड़े, प्रो. सकरलाल बट्टी, प्रो. सुरेखा तेलकर, प्रो.रक्षा उपश्याम, प्रो. संतोष उसरेथे, संतोष अमोदिया, सुनील पाटिल, कमलेश चौधरी, नीलेश नाग, नरेश चौधरी, आनंद रजक और श्वेता चौहान का विशेष सहयोग है।