संवाददाता - मोहिता जगदेव
उग्र प्रभा समाचार,छिंदवाड़ा
*तीन विश्व रिकॉर्ड प्राप्त विशिष्ट ग्रंथ "भारत को जाने" का हिस्सा बनीं, जिले की कवयित्री अंजुमन मंसूरी 'आरज़ू'"*
11 मई 2024 को दिल्ली में होगा "भारत को जानें" ग्रंथ का भव्य लोकार्पण,
सम्मानित होंगे ग्रन्थ लेखन के सभी सहयोगी रचनाकार ।
उग्र प्रभा समाचार,छिंदवाड़ा :- अंतरराष्ट्रीय काव्य प्रेमी मंच, संस्थापक डॉ• ममता सैनी, (तंजानिया) के विचार ने तीन वर्ष पूर्व "भारत को जानें" का आकार लिया । इस महनीय कार्य हेतु इस ग्रंथ को तीन विश्व रिकॉर्ड प्राप्त हुए । इस ग्रंथ में भारत सहित विश्व के 466 रचनाकारों की सहभागिता रही । इसमें भारत के 28 राज्यों के साथ 8 केन्द्र शासित प्रदेशों की विशिष्टताओं को सात मुख्य वर्ग (जनसांख्यकी, संस्कृति-कला-साहित्य, उपलब्धियां, इतिहास, प्राकृतिक सौंदर्य, भौगोलिक संरचना, विशेष व्यक्तित्व) एवं 53 उप वर्ग में विभाजित कर दोहे और चौपाई छंद में रचना कर कवियों ने अपनी प्रतिभा का परिचय दिया है। इसमें मध्य प्रदेश की विशेषताओं को छंदों में ढालने में जिन सात कवियों का चयन किया गया, उनमें ज़िले की सुप्रसिद्ध कवयित्री सुशी अंजुमन मंसूरी 'आरज़ू' भी सम्मिलित हैं ।इस ग्रंथ में प्रत्येक राज्य की संस्कृति का परिचय दोहे और चौपाई छंद द्वारा किया गया है। जिसको संगीतबद्ध कर प्रसिद्ध गायकों ने अपना स्वर दिया है । यह कार्यक्रम 23 अक्टूबर से 30 नवंबर 2021 तक 37 दिन लगातार आभासी पटल पर चला । "भारत को जाने" साहित्यिक महाकाव्य अनुष्ठान में भारत के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की महिमा, लोक कला, संस्कृति का गायन दोहा चौपाई और गीतों के माध्यम से किया गया । देश के रचनाकारों ने बहुत ही सुंदर तरीके से भारत का गुणगान किया । कार्यक्रम का उद्घाटन पद्मश्री अनूप जलोटा जी ने किया और देश विदेश के लगभग सभी बड़े साहित्यकरो ने मुख्य अतिथि के रूप में मंच को सजाया । इस के वीडियो एलबम को ऑफिसियल वर्ल्ड रिकार्ड स्पेन और इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज किया गया है ।
इस कार्यक्रम को विश्व भर में लाखों लोगों ने देखा और सराहा तो डा ममता सैनी जी के मन में विचार आया कि क्यों ना इस ऐतिहासिक आयोजन को ग्रंथ का रूप दिया जाए और वह विचार अब साकार रूप ले चुका है और "भारत को जानें" एक अद्वितीय ग्रंथ इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज किया गया है ।यह हर्ष का विषय है कि इस लोकार्पण कार्यक्रम में देश - विदेश के 400 से अधिक रचनाकार, गीतकार, संगीतकार उपस्थित हो रहे हैं । इस आयोजन की तैयारी हेतु संयोजिका डॉ ममता सैनी, संरक्षक श्री राकेश सैनी तंजानिया से भारत आ चुके हैं, भारत की टीम भी सम्पूर्ण व्यवस्था में अपना सहयोग कर रही है ।यह जानकारी संस्था की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर रमा सिंह व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष गोविन्द गुप्ता ने प्रेस को दी । कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में एक और विशिष्ट ग्रंथ "आयुर्वेद को जाने" का लोकार्पण भी होगा, जो दोहा छन्द में लिखा गया है ।
"भारत को जाने" ग्रंथ लेखन में ग्राम उमरानाला निवासी सुश्री अंजुमन मंसूरी आरज़ू, जिला छिंदवाड़ा, मध्य प्रदेश ने भी सहभागिता की है इन्होने 'विशेष व्यक्तित्व' विषय,के रूप में हिस्सा लिया । इस विशेष उपलब्धि की प्राप्ति पर डॉ ममता सैनी ने आभार प्रकट करते हुए इन्हें बधाई प्रदान की है, साथ ही पद्मश्री अशोक चक्रधर जी, कई विशिष्ट व्यक्तित्वों एवं स्थानीय साहित्यकारों, साहित्य प्रेमियों ने भी इस उल्लेखनीय कार्य हेतु डॉ ममता सैनी जी, अंजुमन मंसूरी आरज़ू जी एवं सभी रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित कीं हैं ।