मोहिता जगदेव
उग्रप्रभा समाचार, छिंदवाड़ा
छिंदवाड़ा के कवियों ने दिखाया नागपुर में काव्य जलवा
डाॅ शशिवर्धन शर्मा शैलेश की गज़ल संग्रह"कविश की कशिश" का हुआ लोकार्पण
"गजल सर्वोत्कृष्ट काव्य दर्शन को सूत्र में कहने का जरिया है": अवधेश तिवारी
"जग की कशिश को काव्य में उड़ेलना कवि का रचना धर्म है": रामलाल सराठे "रश्मि"
"जनहित में लोक पीड़ा के काव्य अमृत को परोसना गजलकार का सुकून है ": लक्ष्मण प्रसाद डहेरिया" खामोश
"लोक कल्याणकारी भावों को काव्य हार में पिरोना ही गजल का कथानक होता है ": मोहिता जगदेव "कमलेंदु"
उग्र प्रभा समाचार,छिंदवाड़ा :शैलेश साहित्य- कुंज द्वारा कवि शशि वर्धन शर्मा 'शैलेष' के 75वें जन्मदिवस पर उनकी कृति 'कविश की कशिश' का लोकार्पण उनके 1वर्ष के दौहित्र कविश के नन्हे करकमलों से नागपुर के होटल हेरिटेज में संपन्न हुआ। कार्यक्रम श्री राम अवतार अग्रवाल सेवानिवृत्त वरिष्ठ महाप्रबंधक, आयुध- निर्माणी, खमरिया (जबलपुर) की अध्यक्षता में तथा डॉक्टर शिजान परवेज़, सलाहकार, रेडिएशन इकोलॉजी नागपुर के मुख्य आतिथ्य तथा डॉ पी. एन. महाजन सेवानिवृत्त महाप्रबंधक, आयुध- निर्माणी भंडारा के विशिष्ट आतिथ्य में संपन्न हुआ । ग़ज़ल-संग्रह की समालोचना मध्यप्रदेश आंचलिक साहित्यकार- परिषद की छिंदवाड़ा इकाई के अध्यक्ष श्री अवधेश तिवारी एवं नागपुर के श्री नरेंद्र सिंह परिहार 'एकांत' द्वारा की गई । कवि शशिवर्धन शर्मा शैलेश के परिवार से श्री अरुण कुमार बुद्दाला , श्रीमती विदिशा बद्दाला ,श्री विपुल शर्मा, ,श्रीमती कीर्ति शर्मा ,हर्षवर्धन बुद्दाला ,विमर्श बुद्दाला व कविश शर्मा की भी गरिमामई उपस्थित रही ।
इस अवसर पर द्वितीय सत्र में कवि- सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसका संचालन मध्यप्रदेश आंचलिक साहित्यकार परिषद, छिंदवाड़ा के सचिव श्री रामलाल सराठे 'रश्मि' ने किया। इस सरस आयोजन में विभिन्न क्षेत्रों से आए हुए कवियों में छिंदवाड़ा के कवि छाए रहे । उन्होंने छिंदवाड़ा के साहित्य की उर्वरा भूमि होने की छाप छोड़ी। कवि- सम्मेलन में श्रीमती सुधा काशिव, नरेंद्र परिहार 'एकांत', रवि शंकर कोलते, रामस्नेही कनोजिया, डॉक्टर कृष्ण कुमार द्विवेदी, टीकाराम साहू, गुरु प्रताप शर्मा 'आग', सुरेंद्र हरडे, गौरव कृष्ण, श्रीमती मधु शुक्ला,डॉ. शशिवर्धन शर्मा 'शैलेश', डॉ पी. एन. महाजन व छिंदवाड़ा के साहित्यकार अवधेश तिवारी, श्रीमती मोहिता जगदेव 'कमलेन्दु', लक्ष्मण प्रसाद डेहरिया 'ख़ामोश' , रामलाल सराठेे 'रश्मि' ,परसराम डेहरिया कालिदास बघेल 'प्रेम' आदि कवियों ने अपनी उत्कृष्ट प्रतिनिधि रचनाओं से सबका मन मोह लिया। इस सम्मेलन में छिंदवाड़ा के कवियों ने समा बाँधकर खूब तालियाँ बटोरीं। आभार- प्रदर्शन नरेंद्र परिहार 'एकांत' ने किया ।
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