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विश्व रंगमंच दिवस पर नाट्यगंगा ने किया" हाथी का खेत' नाटक का मंचन

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संवाददाता - मोहिता जगदेव

उग्र प्रभा समाचार , छिंदवाड़ा

नाट्यगंगा ने किया" हाथी का खेत' नाटक का मंचन

विश्व  रंगमंच दिवस पर आयोजन

नाटक का निर्देशन संस्था के अध्यक्ष एवं रंगमंडल के गुरू सचिन वर्मा ने किया

इस नाटक की कहानी संस्था के बाल कलाकारों ने ही बनाई

उग्र प्रभा समाचार , छिंदवाड़ा/ जिले की सबसे पुरानी सक्रिय नाट्यसंस्था एवं एकमात्र रंगमंडल नाट्यगंगा जिले में रंगकर्म के प्रदर्शन, प्रचार एवं प्रशिक्षण  के लिए कटिबद्ध है। इस ही कड़ी में संस्था के द्वारा आम नागरिकों को रंगमंच से जोड़ने के लिए थियेटर आपके घर रंग आंदोलन चलाया जा रहा है। जिसमें नाट्यगंगा के कलाकारों के द्वारा शहर की कॉलोनियों या मोहल्लों में जाकर भव्य नाटकों के प्रदर्शन किए जाते हैं। इस की क्रम में विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर संस्था के द्वारा खजरी रोड पर स्थित नेचर सिटी कॉलोनी में बाल नाटक हाथी का खेत का शानदार मंचन किया गया। इस बाल नाटक की विशेषता यह थी कि इस नाटक की कहानी संस्था के बाल कलाकारों ने  ही बनाई है। बाल मन से उपजी इस कच्ची पक्की कहानी को दर्शकों ने बहुत पसंद किया। नाटक की कहानी हास परिहास के साथ ही जंगल और जंगली जानवरों का बचाने का संदेश भी देती है। कॉलोनी के निवासियों ने पहली बार किसी नाटक का मंचन देखा और रंगमंच के जादू में बंध गए। दर्शकों ने नाट्यगंगा के इस अनूठे प्रयास की प्रशंसा की और आगे भी नाटक देखने की इच्छा व्यक्त की। नाटक का निर्देशन संस्था के अध्यक्ष एवं रंगमंडल के गुरू सचिन वर्मा ने किया। नाटक में गीत एवं संगीत निर्देशन अमित सोनी ने किया। सहनिर्देशन दानिश अली एवं गायन और वादन संस्था सचिव अमजद खान और गुंजन मेटेकर ने किया। नाटक के दृश्यों के अनुरूप मंच निर्माण एवं प्रकाश व्यवस्था की जिम्मेदारी नितिन वर्मा ने संभाली। मेकअप नीता वर्मा और वेषभूषा सोनम सोनी ने किया। नाटक में प्रभदीप सिंग, अबीर वर्मा, सार्थक सूर्यवंशी, कनिष्का वर्मा, अवनि सोनी, अभी अवधिया, आरोही रत्नाकर, शांभवी गुप्ता और दानिश अली ने अपने अभिनय से दर्शकों को अचंभित कर दिया। नाटक को सफल बनाने में कॉलोनीवासी प्रभजोत सिंह भामरा, महेंद्र ठाकुर, सचिन उसरेठे, हेमंत चौबे, विश्वास पास्तारिया, जावेद मंसूरी, इमरान खान, गजानन अग्रवाल, अमन दुबे ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 

क्या है थियेटर आपके घर अभियान

इस रंग आंदोलन के अंतर्गन संस्था के कलाकार किसी भी कॉलोनी या मोहल्ले में पहुँचते  हैं। किसी खाली प्लॉट या मैदान में दिन भर की मेहनत से मंच बनाया जाता है और दर्शकों के बैठने की व्यवस्था की जाती है। और पूर्णकालिक नाटकों के भव्य मंचन किए जाते हैं। और ऐसे लोग जो रंगमंच तक नहीं पहुँच पाते हैं रंगमंच उन तक पहुँच जाता है। अपने घर के पास एक भव्य नाटक को देख लोग अचंभित हो जाते हैं और दर्शक या कलाकार के रूप में रंगमंच से जुड़ जाते हैं। यही नाट्यगंगा का उद्देश्य है। 

आपकी कॉलोनी में भी हो सकता हैं मंचन

यदि आपकी कॉलानी या मोहल्ले में कोई खुली जगह है तो आप नाट्यगंगा को किसी नाटक के मंचन के लिए आमंत्रित कर सकते हैं। यह मंचन पूरी तरह निःशुक्ल किया जाता है। और इसमें आपको कोई व्यय भी नहीं करना होता है।  


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