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दूरस्थ अंचलों के छात्रों के लिए खुलेंगे अंग्रेजी में शोध के द्वार

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संवाददाता - मोहिता जगदेव

उग्र प्रभा समाचार , छिंदवाड़ा

शोध निरीक्षण टीम ने अंग्रेजी विभाग का लिया जायजा

"डिजिटल युग में अंग्रेजी प्रभुत्व स्थापित करने की युक्ति है": प्रो. बी. आई. गुरू 

"ग्रामीण भारत को विकसित करने में अंग्रेजी भूमिका निभाएगी ": प्रो. संजय पल्वेकर

"अंग्रेजी और बेरोजगारी एक दूसरे के जानी दुश्मन हैं ": प्रो. अशोक सचदेवा 

उग्र प्रभा समाचार, छिंदवाड़ा: पी. जी. कॉलेज छिंदवाड़ा के अंग्रेजी विभाग को शोध केंद्र बनाने हेतु राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय छिंदवाड़ा की कुलपति श्रीमती डॉ. लीला भलावी द्वारा द्वारा गठित शोध विशेषज्ञों की टीम ने छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो.जगदीश वाहने के नेतृत्व में अंग्रेजी विभाग का निरीक्षण किया। विभाग ने प्राचार्य डॉ.लक्ष्मीचंद के निर्देशन और विभागाध्यक्ष प्रो. दीप्ति जैन के मार्गदर्शन मुताबिक विभाग में उपलब्ध शोध जर्नल्स, रेफरेंस पुस्तकें, प्रत्येक प्राध्यापक के प्रकाशित शोध पत्र, विभाग स्थापना से लेकर अद्यतन उपलब्धियां, आयोजित सेमिनार, पूर्व छात्रों द्वारा की गई पी.एचडी और नेट परीक्षा उत्तीर्ण छात्र संख्या की सघन जानकारी का लिखित लेखा प्रस्तुत किया। शोध निरीक्षण समिति के चेयरमैन केन्द्रीय विश्वविद्यालय सागर के अंग्रेजी के  विभागाध्यक्ष प्रो. बी.आई. गुरू ने कहा कि वे अंग्रेजी विभाग की अपनी अभूतपूर्व उपलब्धियों से अभिभूत हैं। अंग्रेजी विभाग के छात्रों ने विभिन्न विभागों में नियुक्ति लेने का जो रिकॉर्ड बनाया है वह राजधानी के छात्रों को भी हासिल नहीं है। डिजिटल युग में अंग्रेजी प्रभुत्व स्थापित करने की युक्ति प्रदाता है। शोध टीम के सदस्य नागपुर विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के विषय विशेषज्ञ अध्यक्ष प्रो. संजय पल्वेकर ने अपने उद्बोधन में कहा कि अंग्रेजी विभाग को शोध मान्यता प्राप्त होने पर छिंदवाड़ा के आस पास के ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को स्थानीय स्तर पर  न्यूनतम आर्थिक बोझ के शोध करने का स्वर्णिम अवसर प्राप्त होगा।

शोध टीम के दूसरे सदस्य एम.जे.बी. शासकीय कन्या महाविद्यालय इंदौर के विभागाध्यक्ष शोध निर्देशक प्रो. अशोक सचदेवा ने विभाग के छात्रों से रूबरू होते हुए उनकी कैरियर संबंधी जिज्ञासाओं का बखूबी समाधान करते हुए कहा कि आंग्ल भाषा और बेरोजगारी एक दूसरे के जानी दुश्मन हैं। एक के रहते दूसरा टिक ही नहीं सकता है। प्रो. अमर सिंह ने निरीक्षण समिति को विभाग को शोध मान्यता मिलने पर पिछड़े इलाकों के छात्र राष्ट्रीय स्पर्धा में अपने भाषाई कौशल का लोहा मनवा सकेंगे। विभागाध्यक्ष अंग्रेजी प्रो. दीप्ति जैन ने शोध निरीक्षण टीम के समक्ष विभाग का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया। आधार प्रदर्शन प्रो. तृप्ति मिश्रा ने किया। शोध निरीक्षण टीम को सहयोग करने में विश्वविद्यालय शोध समन्वयक प्रो.आर. के. मिश्रा, प्रो.अनिल जैन, डॉ. जी. बी. डहेरिया, डॉ. पी. एन. सनेसर, प्रो. नवनीत भाटिया और प्रो. नीलिमा सोनी का अभूतपूर्व सहयोग रहा।

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