संवाददाता - मोहिता जगदेव
उग्र प्रभा समाचार ,छिंदवाड़ा
चांद कॉलेज में "बचत के स्मार्ट निवेश से संपन्नता" विषय पर कार्यशाला आयोजित
"ब्याज पर ब्याज लेना विवेकपूर्ण वित्तीय प्रबंधन है ": प्रो. अमर सिंह
"गरीबी में पैदा होना नियति, मरना वित्तीय कुप्रबंधन है": प्रो. अमर सिंह
भारत में वित्तीय साक्षरता ही विकसित राष्ट्र बनने में मदद कर सकती है :- प्रो. रक्षा उपश्याम
"आर्थिक कुप्रबंधन व्यक्ति को दरिद्रता की खाई में झोंकता है": जितेंद्र धुंडे
"निवेश का स्मार्ट इल्म समृद्धि प्रदान करता है": प्रो. सिंह
उग्र प्रभा समाचार ,चांद छिंदवाड़ा :- चांद कॉलेज में राष्ट्रीय सेवा योजना और स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन विभाग द्वारा संयुक्त रूप से "बजट के स्मार्ट निवेश से संपन्नता" विषय पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए प्रमुख रिसोर्स पर्सन जितेंद्र कुमार धुंडे ने कमोडिटी डेरिवेटिव्स पर जागरूकता कार्यक्रम में कहा कि आर्थिक कुप्रबंधन व्यक्ति को दरिद्रता की खाई में झोंकता है। अगर व्यक्ति बुद्धिमानी से निवेश करना नहीं जानता है तो अकूत कमाई से भी संपन्न नहीं हो सकता है। प्राचार्य प्रो.अमर ने कहा कि गरीबी में पैदा होना हमारी नियति है, गरीबी में मर जाना व्यक्ति का स्वयं वित्तीय कुप्रबंधन। बिना इल्म के निवेश करना अंधा पीसे कुत्ता खाय की गति को प्राप्त करता है। आज की थोड़ी बचत कल की आर्थिक मुश्किलों का सामना करती है। प्राचार्य प्रो. डी. के गुप्ता ने कहा कि सिर्फ़ ज्यादा कमाने से ही नहीं, सही समय पर सही जगह निवेश करना समृध्दि लाता है। निवेश का स्मार्ट इल्म समृद्धि प्रदान करता है।प्रो.रजनी कवरेती ने कहा कि पैसे से पैसा बनता है। निवेश के खतरे को कम करने के एक जगह न लगाकर कई जगह जमा करना चाहिए। प्रो. आर. के. पहाड़े ने कहा कि आज के मार्केटिंग के युग में खरीदने वाले अनावश्यक चीज़ें खरीदकर बेचने वाले के शिकार बन जाते हैं। प्रो. सुरेखा तेलकर ने कहा कि छात्र वित्तीय प्रबंधन की बारीकियों से अवगत होकर भविष्य में कम कमाई से अधिक पैसा बना सकते हैं। प्रो.सकरलाल बट्टी ने कहा कि बाजार चाल को समझकर पैसा बनाया जा सकता है। प्रो. रक्षा उपश्याम ने कहा कि भारत में वित्तीय साक्षरता ही विकसित राष्ट्र बनने में मदद कर सकती है। कार्यशाला में चांद कॉलेज के सभी अधिकारी, कर्मचारी और छात्र उपस्थित रहे।