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सोनाखार में संत शिरोमणि रविदास जी महाराज की 647 वीं जयंती मनाई गई

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 सोनाखार में संत शिरोमणि रविदास जी महाराज की 647 वीं जयंती मनाई गई 


छिंदवाड़ा / उग्र प्रभा /- संत शिरोमणि रविदास जी महाराज की जयंती वार्ड नं. 22 सोनाखार में हर्षोउल्लास के साथ मनाई गई इस अवसर सभी सामाजिक बंधुओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया । राजकुमार बघेल ने अपने विचार रखते हुए कहा कि हिंदू पंचाग के अनुसार हर साल माघ पूर्णिमा के दिन रविदास जयंती मनाई जाती है ।


संत रविदास का जन्म वाराणसी के पास एक गांव में हुआ वे बेहद ही धार्मिक स्वभाव के थे । संत रविदास ने अपने दोहो व पदों के माध्यम से समाज में जातिगत भेदभाव को दूर कर सामाजिक एकता पर बल दिया और मानवतावादी मूल्यों की नींव रखी । कार्यक्रम में  समाज के अन्य लोगों ने अपने विचार रखें जब बनारस के पंडों ने इन्हें गंगा स्नान से रोक दिया तो गंगा मैया इनकी चमाड़ा सड़ाने वाली कठौती में अवतरित हो गई तभी से कहा जाने लगा कि जब मन चंगा ,तो कठौती मा गंगा । मीराबाई इन्हीं से गुरूमंत्र लेकर भक्तिमार्ग पर चली । संत रविदास पर हरि को भजै सो हरि का होय। जाति पाॅंति नहिं कोय । का महामंत्र देने वाले स्वामी रामानंद जी की दीक्षा की गहरी छाप थी। इस कार्यक्रम के पश्चात् भंडारा एवं महाप्रसाद का वितरण किया गया । कार्यक्रम के मुख्य आयोजक भागवती बघेल पार्षद एवं जीवन अहिरवार ,दिलीप अहिरवार अहिरवार समाज के प्रदेश सचिव शामिल हुये । विमल अहिरवार ,रोहित अहिरवार, सुभाष बघेल ,मनोहर बघेल ,टीकाराम अहिरवार ,संतोष बघेल ,सीताराम बघेल ,शोभित चैरे ,सचिन बघेल ,शिवम् पहाडे़ ,सतीश अहिरवार ,लक्ष्मण अहिरवार ,नितिन अहिरवार, प्रकाश अहिरवार ,संतोष अहिरवार ,सुरेन्द्र गुले ,संतोष परसोबे ,मोहित पटेल ,मोनिश पटेल ,मंगल पटेल आदि सामाजिक  बंधु उपस्थित थे ।

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